A Simple Key For वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Unveiled
A Simple Key For वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Unveiled
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कामाख्या मंत्र: "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे"
यह मंत्र व्यक्ति के मन को आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप दूसरे व्यक्ति को आपके प्रति आकर्षित कर सकते हैं और उनमें अपने प्रतीक्षाएं जगा सकते हैं।
वशीकरण मंत्र एक प्राचीन विज्ञान है जिसका उपयोग व्यक्ति के दिमाग और मन को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र भावनात्मक शक्ति को जागृत करता है और व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार कार्य करने में मदद करता है। इस अद्भुत विज्ञान का उपयोग लोग अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में करते हैं, जैसे प्रेम, विवाह, संघर्ष, सफलता और खुशहाली के लिए।
विधि: मंगलवार के दिन सबेरे हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। फिर उपर्युक्त मन्त्र को सवा लाख जपकर सिद्ध करें। इसके पश्चात् मस्तक पर चन्दन का तिलक लगाकर वहाँ से इसी मन्त्र का जप करते हुए इच्छित स्त्री या पुरुष के पास जाएं। इस क्रिया से वह आपके वश में हो जाएगा/हो जाएगी। अमुक के स्थान पर उसका नाम अवश्य लें। (और पढ़ें; हनुमान सिद्ध शाबर मंत्र
होली या दीपावली जब रविवार के दिन हो, तो एरण्ड के पौधे को उपर्युक्त मन्त्र का उच्चारण करते हुए बाँयें हाथ द्वारा एक झटके से उखाड़कर ले आएं। फिर इसके छोटे-छोटे टुकड़े करके मन्त्र से इक्कीस बार अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री से स्पर्श करा देंगे, वह तत्काल वशीभूत वशीकरण मंत्र किसे चाहिए हो जाएगी।
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
किसी भी साधना में अगर आप यंत्र का प्रयोग करते है तो इसका मतलब है आप उर्जा को एक जरिये में भेज रहे है.
इस मन्त्र को एक हजार बार जप कर सिद्ध कर लेने के बाद जब प्रयोग करना हो तो निम्नांकित प्रयोग करें-
जाप के लिए मूँगे की माला उपयोग करें
वशीकरण मंत्र का उपयोग करने के लिए कई तरीके हैं। यहां कुछ प्रमुख तरीके दिए गए हैं:
ॐ जल की योगिनी पालै कलका नामा। जिस पै भेजूं तिस पै लाग। सोते सुख ना बैठे सुख। फिर फिर देखो हमारा मुख। मेरी बांधी जो छूटे। तो बाबा नाहर सिंह की जटा टूटे।
आपका प्रेमी आपको पन्ना रत्न देता है तो ये आपके लिए शुभ संकेत है. इससे आपके बीच रिश्ता मधुर बनता है.
ग्रहण समाप्त होने पर उन चारों लौंग को निकालकर ताबीज में भर लें। जब इस प्रयोग की आवश्यकता हो, तो चार लौंग को मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करें और ताबीज से स्पर्श कराएं। इसके बाद, जिसे भी यह लौंग खिलाई जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।
पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।